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हिंदुस्तानी भाऊ भारत के युवाओं को गुमराह कर रहा है | भारत के युवाओं के लिए अलर्ट

आज-कल नेतागिरी या भाऊगिरी करना ये फॅशन हो गया है. ये करने से पेपर मे नाम आता है, कम समयमे शोहरत मिलती है, लोकप्रियता बढती है. ये सारी बाते देख कर कोई राजनितिक पार्टी ऐसे लोगो का फायदा लेते है और आगे चल कर चुनाव मे खडा करके चुनके‌ लाते , और ‌जल्द ही गल्ली का नेता दिल्ली तक पहुचता है. ऐसा ही एक किस्सा महाराष्ट्र में हुआ है , नेतागीरी करणे के चक्कर में एक सडकछाप भाऊ को मुंबई में धारावी पुलीसने गिरफ्तदार किया जो , शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड के घर के सामने कुछ छात्रो को जमा करके प्रदर्शन कर रहा था.

विकास फाटक ,जो खुदको हिंदुस्थानी भाऊ कहलाता है ,ईस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा था. कारण था १०वी और १२ वी की परीक्षा ऑफलाईन लेने का विरोध. पिछले साल मई मे भी यही विकास ने परीक्षाये ऑफलाईन ना लेनेके लिये विरोध प्रदर्शन किया था.

वैसे इस हिंदुस्तानी भाऊ का इतिहास भी क्रिमीनल ॲक्टीव्हीटीज का रहा है. १० वी और १२ वी के लडको मे ईतनी समझ नहीं होती की , क्या बुरा और क्या भला ईसका फर्क जान सके.

छात्रोकी कोरोना संसर्ग की ईतनी परवाह करने वाला भाऊ ईतनी बडी संख्या मे छात्रो को ईकठ्ठा करके कोरोना नियमोका खूद उल्लंघन कर रहा था.ये सबसे बडा विरोधाभास है.

कोरोनासे चलते हुये दो साल से परीक्षाये ऑनलाईन चालू है जिसमे छात्रोका शिक्षास्तर पहले ही गिर चुका है ,ऐसे मे ऑनलाईन परीक्षा लेकर आगमे घी डालने जैसा है. ऐसी गुणवत्ता हीन लोगोकी फौजे तयार करना देशके लिये खतरा साबित हो सकता है.ऑनलाईन परीक्षा मे नकल करना आसान है. बात रही कोरोना की तो, सरकार परीक्षा के कालावधी मे हर स्कुल या कॉलेज को ऑफलाईन परीक्षा दरम्यान कोरोना नियमोका पालन करना अनिवार्य करेगी.

जो छात्र बसमे ,रेलमे सफर करते है ,शहरमे घुमते है , शादी में ,भीडमे जाते है खरीददारी करते है जिसमे कोरोना नियमोका जादातर पालन नहीं होता,उसी छात्रोको जिस परीक्षा हॉलमे सभी कोरोना नियमोका पालन‌ होगा वहा जाने मे दिक्कत क्यू ? ईस सवाल का जबाब ईस हिंदुस्थानी भाऊके पास नही हैं. शिक्षामंत्रीके सामने कंधेको कंधा लगाकर खडे होनेवाले छात्रोको १/१ मीटर की दूरीपर परीक्षा हॉलमे बैठने मे दिक्कत किस बातकी?


अगर शिक्षामे तरक्की करना है और ईमानदारीसे पास होना है तो परीक्षा भी उतनही गंभीरासे देना होगा ये बात छात्रोके साथ साथ उनके मातापिता को भी समझना जरुरी है ,किसी भी सडकछाप भाऊ के बहकावेमे आकर खुदके बच्चोके पाव पर खुद पत्थर गिरा लेना गलत है. हा ऑफलाईन परीक्षाये लेते समय कोरोनाके चलते हुये किस बातकी सावधानीया लेनी चाहिए इसके बारेमे सरकारको कुछ सुझाव मिलकर या लिखीत रुपसे निवेदन दे कर दिये जा सकते हैं लेकीन विद्यार्थीयोको जमा करके प्रदर्शन करना ये सामाजिक स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है.अगर छात्रोको पुलीसने पकडकर केसेस कीये तो उनका शैक्षणीक भविष्य खराब हो सकता है.


नशा करने वाला, अश्लील भाषा बोलने वाला और खुद को देशभक्त बोलने वाला हिंदुस्थानी भाऊ देश की आनेवाली पीढ़ी को गलत राह पर चलना सीखा रहा है

केवल खुद के स्वार्थ के लिये अगर ऐसा कोई करता हैं तो सभी लोगोने ऐसे बदमाशोको पहचानकर उनकी जगह दिखा देना चाहिए. आज के बच्चे कल के भारत का भविष्य है. और हमारा भविष्य शिक्षित और योग्य लोगो के हात रहे इस के लिए हमारा प्रयास होना चाहिए. इस पर आपकी क्या राय है ये हमें कमेंट कर के जरूर बताये.


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