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सोनी टीवी पर मिड ब्रेन एक्टिवेशन घोटाला | शार्क टैंक इंडिया और केबीसी

शार्क टॅंक इंडिया (Shark Tank India) यह सोनी टीव्ही (Sony TV) पर शुरू हुई एक नई सिरीज है। जिसमे भारतके कोने-कोने से लोग आकर अपनी बिजनेस की आइडिया इन्वेस्टर्स के सामने पेश करते है। जिस इन्वेस्टर को आइडिया पसंद आता है वह इन्वेस्टर उस बिजनेस में पैसा लगता है। कई सालो बाद एक अच्छा सिरीज आया है जिससे भारत के युवावर्ग को प्रेरणा मिल रही है।ऐसे बेहतरीन शो लोगो तक पहुंचाने के लिए मैं सोनी टीवी का अभिनंदन करता हु।

हाल ही में एक बिजनेस मॉडल लेकर गुरूनंदन सिंहऔर उनकी फैमिली आई थी। उन्होंने ये दावा किया की, वो ब्रेन ऑप्टिमायझेशन टेक्निक्स जो की एक जैपनीज़ तकनीक है जिसकी मदत से वो आँखों पर पट्टी बांध कर कुछ भी पढ़ सकते है, चीजे पहचान सकते है. और इसका उन्होंने डेमो भी दिया जिससे सभी इन्वेस्टर्स इम्प्रेस हो गए. इस तकनीक को भारत के सभी बच्चो तक पहुंचाने के लिए गुरुनन्दन सिंह ने इन्वेस्टर्स को ५० लाख की मांग की थी. इतना इम्प्रेस होने के बादभी सभी इन्वेस्टर्स इस प्रोजेक्ट्स से आउट हो गए क्योकि उन्हें इस प्रोजेक्ट में बिज़नेस के लिए स्कोप नहीं लगा.


हेड एंड हार्ट के फाउंडर गुरूंनंदन सिंह लोगो को सरेआम उल्लू बना कर पैसे कमा रहे है. ये सिर्फ अकेले ही नहीं है, भारतमें कई सारे लोगअलग अलग शहरो मेंअलग अलग संस्थाओ के माध्यम से बच्चो को अपनी शिकार बनाकर उनके माता पितासे पैसे निकाल रहे है. ये लोग आपके शहर में हो सकते है या फिर आपके फॅमिली के बच्चे इस क्लास में जा रहे होंगे तो उनके पेरेंट्स के साथ ये लेख शेयर कीजिये ताकि वो सतर्क हो सके. तो चलिए जानते है इसके पीछे का राज.


आज प्रतिस्पर्धा का युग है. हर एक माता पिताको अपने बच्चे पढाईमे तरक्की करे ऐसा स्वाभाविक रुपसे लगता है .माता-पिता की इसी मानसिकता को देखते हुए कुछ बुरे लोगों ने इन दिनों एक नया धंधा शुरू कर दिया है, जो जपनिस तकनीक, मिड ब्रेन एक्टिवेशन, व्होल ब्रेन डेवलपमेंट, ब्रेन बैलेंसिंग या ब्रेन ऑप्टिमाज़ेशन जैसे साइंटिफिक नाम लेकर लोगो को ठग रहे है.


इसमें दावा किया जाता है की, हम आपके बच्चो का ब्रेन इतना ज्यादा विकसित कर देते है की बच्चा आख बंद करके भी पढ सकता है. जिसे देखकर माता पिता स्वाभावीक रुपसे प्रभावित होते है ,और इस कोर्स के लिए हजारो रुपये फिस देकर अपने बच्चो को ये कोर्स सिखाते है. वास्तविकता मीड ब्रेन डेव्हलपमेंट नाम की कोई चिज इस दुनिया मे नही है. डेमो मे बच्चा आंखो को पट्टी बांधकर किताब पढता है, चिजे तथा उनके रंग बताता है, इसलिये सचमुच बच्चो मे कुछ अलग शक्ती आ सकती है, ऐसा लोगो को लगता है.

हकिकत मे ये सब धोखा घडी है. कोई भी इमेज जब तक रेटिना तक नहीं पहुँचती और रेटिना ब्रेन तक नहीं पहुंचाता तबतक कोई भी इमेज को पहचानना नामुमकिन है. आंखोको पट्टी बांधने के बाद नीचे नाक होती है इसलिये पट्टी पुरी तरह प्लेन बैठती नही और कपास के कारण निचेकी तरफ दराजे रहती है ,जिसमे चिजे तथा चिजोका रंग आसानी से देखा जा सकता है और किताब पढी जा सकती है. ये तकनीक कई साल से जादूगर लोग अपने शो में लोगो का मनोरंजन करने के लिए इस्तेमाल कर रहे है. यही तकनीक सीखकर कुछ चलाख लोगो ने बच्चे और उनके माता पिताओं को इसका शिकार बनाया है.

अब आपके मन में ये सवाल आया होगा की अगर ये इतना सरल है तो बच्चे घरपर बताते क्यों नहीं ? इसके दो कारन है.


१. मिड ब्रेन एक्टिवेशन सिखाने वाले लोग बच्चो का इतना ब्रेन वाश करते है की बच्चे घरपर झूठ बोलने पर मजबूर हो जाते है. बच्चो को लालच दिखाया जाता है की तुम्हारा फोटो पेपर में आएगा, तुम टीवी पर दिखोगे वगेरा वगेरा। ऐसी बातो में आकर बच्चे आपने माता पिता से झूठ बोलते है. ये कड़वा सच है.


२. कुछ माता पिता को इस के बारे में पता होता है लेकिन वो अपने बच्चे को समाज में बहोत ही इंटेलेजंट साबित करना चाहते है जब भी घर में महेमान आये तो उनके सामने ब्लाइंड फोल्ड का डेमो दिखाकर खुद की पीठ थपथपाते है. जोकि आनेवाले पीढ़ी के लिए बहोत ही खतरनाक साबित हो सकता है.


अगर आपको हमारी इस बातो पर भरोसा नहीं है, तो आप खुद इसका फैसला कर सकते है.

१. जो भी बच्चा ब्लाइंड फोल्ड करके किताब पढ़ने का दावा करता है तो उसकी आँखों पर पट्टी बांधने की बजाय सर पर बड़ी जाड चद्दर से ढक दीजिये। बच्चा कुछ भी पढ़ नहीं पायेगा


२. आपको मेडिकल शॉप आय पैड पैच मिलेगा जोकि सभी आय स्पेशलिस्ट यूज करते है. इसे दोनों आँखों पर चिपकाइये, बच्चा कुछ भी पढ़ नहीं पायेगा।


३. कोई बच्चा ये डेमो करने जा रहा है उसके एक मिनट पहले कमरे में पूरा अँधेरा कर दीजिये ताकि किसीको कुछ भी न दिखे। अँधेरा करने के बाद आँखों को पट्टी बांधने की भी जरुरत नहीं। तब भी कोई बच्चा पढ़ नहीं पायेगा।


४. इसमें कुछ भी करने की जरुरत नहीं। बच्चे को बोलो की अपनी आँखे कसकर बंद कर ले. और ध्यान रहे की बच्चा अपनी आँखे खोल नहीं रहा है.. फिर भी कोई भी बच्चा पढ़ नहीं पायेगा।

Four different tricks to know the fact of Mid Brain Activation

अगर आप इसमें से कोई भी तरीका बच्चो को बताएँगे तो वो पढ़ नहीं पाएंगे और वो आपको अलग अलग कारन बताएँगे।। जैसे की कंसन्ट्रेट नहीं हो रहा है, या आज मैडिटेशन नहीं किया है वगेरा वगेरा. अगर ऐसा कोई कारन आता है तो बाकि आप तो समज़दार हो ही.


कुछ दिन पहले कौन बनेगा करोड़पति पर एक बच्ची ने आंखोंपर पट्टी बांधकर किताब पढने का डेमो दिया था जिससे अमिताभ बच्चन भी इम्प्रेस हुए थे और साथ में जो भी KBC देखते है वो भी इम्प्रेस हुए थे. लेकिन नरेंद्र नायक जो की Federation of Indian Rationalist Associations के अध्यक्ष है उन्होंने चैनल को इस स्कैम के बारे में बताया तो चैनल ने वह वीडियो अपने सभी प्लेटफार्म से डिलीट कर दिया और उनकी माफ़ी मांगी। क्योकि अगर कोई ऐसे करता है तो यह Anti-Superstition and Black Magic Act २०१३ के तहत दंडनीय अपराध है.

मेरा हेड एंड हार्ट के फाउंडर को आवाहन है की आपको शार्क टैंक में एक भी रूपया नहीं मिला तो आप नाराज मत होइए। अगर आप सच की राह पर चल रहे हो तो, आप हमने बताये हुए तरीके से डेमो दीजिये, मैं खुद आपको १ करोड़ रुपये तक के इन्वेस्टर्स दे सकता हु. लेकिन मजे की बात है की, मुफ्त मे डेमो दीखाने वाले करोडो रुपये देने वाले के सामने ये डेमो क्यू नही देते..?


आंखे खोले ठगनेसे बचे. आपको सावधान करना हमारा काम है.आखिर फैसला आपके हाथमे


तो आइए हम सब मिलकर आज एक वादा करें कि कल को बेहतर बनाने के लिए हम खुद से शुरुआत करेंगे। क्योंकि अब बदलाव जरूरी है। अगर आपको हमारा काम पसंद आता है, तो इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मेरी मदद करें। और कल को बेहतर बनाने के इस मिशन का हिस्सा बनें।


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